टीआरएल संकाय के डॉ बीरेन्द्र कुमार महतो 14 मार्च को दिल्ली में विश्व का सबसे बड़ा साहित्योत्सव में रखेंगे अपनी बात… झारखंड से नागपुरी भाषा का कर रहें हैं प्रतिनिधित्वरांची : साहित्य अकादमी दिल्ली का ‘‘साहित्योत्सव 2024’’, विश्व का सबसे बड़ा साहित्य उत्सव में 175 सत्रों में 175 भाषाओं के प्रतिनिधियों के रूप में 1100 लेखक, विद्वान और विशिष्ठ व्यक्तित्वों की प्रतिभागिता 11 से 16 मार्च 2024 के मध्य रवींद्र भवन परिसर, नई दिल्ली में हो रही है। यह आयोजन विश्व का सबसे बड़ा साहित्य उत्सव है। सम्मेलन में झारखंड आंदोलनकारी, प्राध्यापक सह साहित्यकार बहुमुखी प्रतिभा के धनी डॉ बीरेन्द्र कुमार महतो को भी आमंत्रित किया गया है, जो 14 मार्च को अपनी भाषा नागपुरी में प्रस्तुति देंगे। साहित्योत्सव में डॉ महतो के चयन होने से पूरे टीआरएल संकाय के साथ साथ पूरे झारखंड के भाषा प्रेमियों और साहित्यकारों में खुशी की लहर है। नागपुरी भाषा के विभागाध्यक्ष डॉ सविता केशरी, डॉ रीझू नायक, डॉ खालिक अहमद, डॉ रामजय नायक, युगेश प्रजापति, आलोक कुमार मिश्रा, मोनिका मुण्डा, स्वेता कुमारी, प्रीति मुण्डा, डॉ किशोर सुरिन, डॉ नन्दकिशोर साहु, डॉ मंजय प्रमाणिक ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि विश्व का सबसे बड़ा साहित्योत्सव में नागपुरी भाषा व साहित्य को मंच मिलना अपने आप में एक इतिहास है। इससे झारखंड की सबसे बड़ी आदिवासी व मूलवासियों की संपर्क भाषा नागपुरी को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने में बल मिलेगा। नागपुरी भाषा के प्रति लोगों का रूझान बढ़ेगा।डॉ बीरेन्द्र कुमार महतो ने बताया कि बहुभाषी कवि और कहानी-पाठ, युवा साहिती, अस्मिता, पूर्वोत्तरी जैसे नियमित कार्यक्रमों के अलावा भारत का भक्ति साहित्य, भारत में बाल साहित्य, भारत की अवधारणा, मातृभाषाओं का महत्व, आदिवासी कवि एवं लेखक सम्मिलन, भविष्य के उपन्यास, भारत में नाट्य लेखन, भारत की सांस्कृतिक विरासत, भारतीयों भाषाओं में विज्ञान कथा साहित्य, नैतिकता और साहित्य, भारतीय साहित्य में आत्मकथाएं, साहित्य और सामाजिक आंदोलन, विदेशों में भारतीय साहित्य जैसे अनेक विषयों पर परिचर्चा और परिसंवाद होंगे।

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Mar 12, 2024

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