साल 2015 में जब विराट कोहली ने ऑस्ट्रेलिया में एक ही टेस्ट शृंखला में चार शतक लगाए थे तो सिडनी मॉर्निंग हेरल्ड ने उनकी प्रशस्ति में लिखा था- “उनका सिर पूरे समय इतना स्थिर रहा, मानो किसी ने उसे धागे के ज़रिये क्रीज़ से बाँध रखा हो!”
स्थिर सिर- यह कोहली की बल्लेबाज़ी का प्राथमिक आयाम है। वो कभी अपना ‘शेप’ नहीं गँवाते, बेडौल नहीं होते, उनका सिर हवा में नहीं चला जाता- जैसे छक्का लगाते समय…