*रांची :* डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय रांची में *कुड़मालि भाषा विभाग के पीजी तथा यूजी के नए सत्र के छात्र – छात्राओं के लिए स्वागत समारोह (परछन)* का आयोजन किया गया। इसमें सर्वप्रथम विभाग के वर्तमान छात्र-छात्राओं द्वारा नए सत्र के छात्र-छात्राओं को विधिवत सम्मान के साथ सभा-कक्ष में प्रवेश करा कर बैठाया गया फिर उसका अभिवादन किया। 

*डीएसपीएमयू जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग के समन्वयक सह खोरठा के विभागाध्यक्ष डॉ विनोद कुमार* ने कहा कि हमारा साहित्य बहुत ही विस्तृत है। इसे हमें अच्छे से समझना और जानना होगा। इसके लिए आप सभी को हर रोज क्लास आना होगा यानि 75 फीसदी हाजरी होना अनिवार्य है। *कुड़मालि के विभागाध्यक्ष डॉ परमेश्वरी प्रसाद महतो* ने कुड़मालि संस्कृति और चारि के महत्व को समझाते हुए कहा कि हम लोगों को इन पारंपरिक रीति – रिवाजों को सहेज कर रखना चाहिए ताकि लोक गीत, लोक कहानी, लोक नृत्य आदि सब आने वाले पीढ़ी के बच्चे भी जान सके। *पंचपरगनिया के सहायक प्राध्यापक लक्ष्मीकांत प्रमाणिक* ने अपनी मातृभाषा से प्रेम करने साथ ही अन्य भाषाओं पर भी लगाव रखने के बात कही। *संथाली के सहायक प्राध्यापिका डुमनी माई मुर्मू* ने कही कि जिस तरह से एक गुलदस्ता अनेक फुलों का बना होता है ठीक उसी तरह टीआरएल नो भाषाओं को एक गुलदस्ता है और कुड़मालि एक फुल है। आप सभी फुल की महक हैं इसीलिए नो भाषाओं की सुगंध को एक – दुसरे से आदान – प्रदान कीजिए। *कुड़मालि के सहायक प्राध्यापक डॉ निताई चंद्र महतो* ने ऑनलाइन पढ़ाई और ऑफलाइन पढ़ाई के अंतर को बताया। आजकल के बच्चे किस तरह से किताबों से दूर भाग रहें हैं तथा हमें किताबों से प्यार करना चाहिए ताकि हमारा भी योगदान भाषा साहित्य में हो।

इस समारोह में स्नातक कुड़मालि के सत्र : 2024-28 तथा स्नातकोत्तर कुड़मालि के सत्र : 2024-26 के विद्यार्थियों को वर्तमान विद्यार्थियों की ओर से उपहार दिया गया। इसके साथ ही सभी कोई अपना परिचय तथा गीत भी सुनाया। 

कार्यक्रम की शुरूआत कुड़मालि परंपरा में प्रचलित चमक दिया पर दीप प्रज्जवलित कर तथा परछन गीत से किया गया। इस अवसर पर कई छात्र-छात्राओं द्वारा कुड़मालि पुरखा गीत, झूमर नृत्य – संगीत कर परछन कार्यक्रम को हर्षो उल्लास से भर दिया। *डॉ पुलकेश्वर महतो* ने लोक गीत गाकर सबको झूमने में मजबूर किया। कार्यक्रम में *मंच संचालन एम.ए. सेम – 3 के छाया रानी एवं सुरज महतो एवं धन्यवाद ज्ञापन शोधार्थी अशोक कुमार पुरान* ने किया। मौके पर *शोधार्थी रूपेश कुशवाहा, सत्येंद्र साहू, प्रवीण महतो, हेमंत अहीर, देव कुमार, सुकुमार, आकाश, अमन, काजल, पूनम, तुलसी, सरस्वती, निशा, विकास, किशोर, गुरुदेव, राहुल, काव्या, पूजा, रिया, शीतल, राधा, सचिन, कल्पना, संध्या तथा कुड़मालि विभाग के अन्य छात्र – छात्राएं* मौजूद थे।

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