रांची : झारखंड साहित्य अकादमी संघर्ष समिति के तत्वावधान में पद्मश्री डॉ गिरिधारी राम गौंझू स्मृति सम्मान 2024 से जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा संकाय के सहायक प्राध्यापक सह इंकलाबी नौजवान लेखक संघ के संस्थापक सचिव, गोतिया पत्रिका के संपादक डॉ बीरेन्द्र कुमार महतो नागपुरी भाषा साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मानित किये जाने की खुशी में नागपुरी विभाग के छात्र छात्राओं ने टीआरएल संकाय में डॉ बीरेन्द्र कुमार महतो को पौधा और गुलदस्ता देकर स्वागत किया.
इस अवसर पर सम्मानित शिक्षक ने कहा कि जिस संस्थान में पद्मश्री डॉ गिरिधारी राम गौंझू के मार्गदर्शन में जीवन की उँचाईयों पर पहुँचा, ऐसी जगह से तथा उनके नाम पर दिये जाने वाले सम्मान से सम्मानित होना मेरे लिए अविस्मरणीय और सुखदायक बात है. उन्होंने उपस्थित छात्र छात्राओं व शोधकर्ताओं के साथ साथ पद्मश्री डॉ गौंझू जी के सानिध्य में गुजारें पलों और उनसे सीखीं हुई बातों को विस्तार से रखा. उन्होंने डॉ गौंझू के पद चिन्हों पर चलने व उनके सपने को साकार करने की बात कही. साथ ही अपनी माँय व माटी का हमेशा सम्मान करते हुए अपनी भाषा संस्कृति को कभी नहीं छोड़ने की बात कही.
मौके पर प्राध्यापक डॉ किशोर सुरिन ने कहा कि यदि व्यक्ति के कार्यों में पारदर्शिता व ईमानदारी हो तो ऐसे व्यक्ति का सम्मान होना गौरव की बात होती है. सम्मानित करना इस बात को प्रमाणित करता है, कि व्यक्ति ने अपने बेहतर कार्यों से सामाजिक संतुष्टि देते हुए अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया है.
प्राध्यापक डॉ रीझू नायक ने कहा कि व्यक्ति की पहचान अच्छे व बुरे उसके कर्मों से होती है. आज डॉ महतो को उनके द्वारा किये गये बेहतरीन शैक्षणिक और साहित्यिक कार्यों के लिए चुना जाना हम सबों के लिए गौरव की बात है. ये हमेशा निस्वार्थ भाव से चौबीस घंटे अपने छात्र छात्राओं व शोधकर्ताओं के मदद के लिए एक पैर में खड़े रहते हैं. कभी भी किसी को निराश नहीं करते. यह सम्मान उनके कार्यों का आकलन है.
कार्यक्रम के आयोजन में महत्ती भूमिका निभाने वालों में मुख्य रूप से सोनू सपवार, उषा कुमारी, आसियन कंडुलना, अभिजीत कुमार, सूर्या मिंज, प्रीति कुमारी, गुड़िया कुजूर, रेशमा मुण्डा, सुनील कुमार महतो, विक्की मिंज, बुद्धेश्वर बड़ाईक, विभाग के सेमेस्टर टू के छात्र छात्राओं व शोधार्थी शामिल थे.