आर० आई० टी० भवन कचहरी परिसर रांची में पूर्वाहन 9:00 सरना नवयुवक संघ, केन्द्रीय समिति की बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता डॉ. हरि उरांव ने की। बैठक में निर्णय लिया गया कि 10 अप्रैल को अपराह्न 2:00 बजे से दीक्षांत मंडप परिसर रांची विश्वविद्यालय, रांची में प्रति वर्ष की भांति सरना नवयुवक संघ के तत्वधान में सरहुल पूर्व संध्या समारोह का आयोजन किया जाएगा। सरहुल पूर्व संध्या समारोह के अंतर्गत आदिवासी जीवन शैली से संबंधित कला संस्कृति, नृत्य – गान, रचना – लेखन जैसे प्रतियोगितात्मक रंगा-रंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा। कार्यक्रम में शामिल होने के लिए प्रतियोगी दल/संस्था/व्यक्ति/कलाकार दिनांक 30 मार्च तक अपना नामांकन मोबाइल नंबर 76 67 3444 20 के माध्यम से करा सकते हैं।
संघ के सचिव बिरेंद्र उरांव ने बताया कि तैयारी समिति की आगामी बैठक में कलाकारों का एकल गीत के स्वर परीक्षा एवं उद्घोषक/ उद्घोषिका का परीक्षा लिया जाएगा। इच्छुक कलाकार परीक्षा में शामिल हो सकते हैं। पूर्व संध्या समारोह के अवसर पर संघ द्वारा प्रकाशित सरना फुल पत्रिका का लोकार्पण भी होगा। आगामी बैठक में समारोह से संबंधित विभिन्न प्रकार की संचालन उप समिति का गठन कर तैयारी समिति को अंतिम रूप दिया जाएगा।
आज की बैठक में मुख्य रूप से संघ के अध्यक्ष डॉ० हरि उरांव, सचिव बिरेंद्र उरांव, उपाध्यक्ष साधु उरांव, कोषाध्यक्ष डॉ.बन्दे उरांव, प्रो धीरज उरांव, सुखराम उरांव, लक्ष्मन उरांव, संजू लकड़ा, अनिमा टोप्पो, प्रतिमा कुजूर, सीमा टोप्पो, कार्तिक, कुंवर, अंकित, अरुण, रिंकु, मुख्य रूप से उपस्थित थे।
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टीआरएल संकाय के डॉ बीरेन्द्र कुमार महतो 14 मार्च को दिल्ली में विश्व का सबसे बड़ा साहित्योत्सव में रखेंगे अपनी बात… झारखंड से नागपुरी भाषा का कर रहें हैं प्रतिनिधित्वरांची : साहित्य अकादमी दिल्ली का ‘‘साहित्योत्सव 2024’’, विश्व का सबसे बड़ा साहित्य उत्सव में 175 सत्रों में 175 भाषाओं के प्रतिनिधियों के रूप में 1100 लेखक, विद्वान और विशिष्ठ व्यक्तित्वों की प्रतिभागिता 11 से 16 मार्च 2024 के मध्य रवींद्र भवन परिसर, नई दिल्ली में हो रही है। यह आयोजन विश्व का सबसे बड़ा साहित्य उत्सव है। सम्मेलन में झारखंड आंदोलनकारी, प्राध्यापक सह साहित्यकार बहुमुखी प्रतिभा के धनी डॉ बीरेन्द्र कुमार महतो को भी आमंत्रित किया गया है, जो 14 मार्च को अपनी भाषा नागपुरी में प्रस्तुति देंगे। साहित्योत्सव में डॉ महतो के चयन होने से पूरे टीआरएल संकाय के साथ साथ पूरे झारखंड के भाषा प्रेमियों और साहित्यकारों में खुशी की लहर है। नागपुरी भाषा के विभागाध्यक्ष डॉ सविता केशरी, डॉ रीझू नायक, डॉ खालिक अहमद, डॉ रामजय नायक, युगेश प्रजापति, आलोक कुमार मिश्रा, मोनिका मुण्डा, स्वेता कुमारी, प्रीति मुण्डा, डॉ किशोर सुरिन, डॉ नन्दकिशोर साहु, डॉ मंजय प्रमाणिक ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि विश्व का सबसे बड़ा साहित्योत्सव में नागपुरी भाषा व साहित्य को मंच मिलना अपने आप में एक इतिहास है। इससे झारखंड की सबसे बड़ी आदिवासी व मूलवासियों की संपर्क भाषा नागपुरी को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने में बल मिलेगा। नागपुरी भाषा के प्रति लोगों का रूझान बढ़ेगा।डॉ बीरेन्द्र कुमार महतो ने बताया कि बहुभाषी कवि और कहानी-पाठ, युवा साहिती, अस्मिता, पूर्वोत्तरी जैसे नियमित कार्यक्रमों के अलावा भारत का भक्ति साहित्य, भारत में बाल साहित्य, भारत की अवधारणा, मातृभाषाओं का महत्व, आदिवासी कवि एवं लेखक सम्मिलन, भविष्य के उपन्यास, भारत में नाट्य लेखन, भारत की सांस्कृतिक विरासत, भारतीयों भाषाओं में विज्ञान कथा साहित्य, नैतिकता और साहित्य, भारतीय साहित्य में आत्मकथाएं, साहित्य और सामाजिक आंदोलन, विदेशों में भारतीय साहित्य जैसे अनेक विषयों पर परिचर्चा और परिसंवाद होंगे।
टीआरएल संकाय के प्रीति व श्वेता ने पूरे रांची विश्वविद्यालय को किया गौरवान्वित, समन्वयक डॉ हरि उराँव ने कहा -प्रतिभा को तलाशने के लिए मंच की आवश्यकतारांची : दूरदर्शन के क्विज़ प्रतियोगिता “खुद को जाने, खुद को परखें” के तहत “भारत के स्वतंत्रता संग्राम में झारखंड की भूमिका” विषय पर केन्द्रित इस प्रतियोगिता में टीआरएल संकाय के नागपुरी विभाग के शानदार प्रदर्शन के बल पर शीर्ष स्थान पर रहने वाले सफल छात्राओं प्रीति मुण्डा और स्वेता कुमारी को सम्मानित किया गया। सम्मान समारोह की अध्यक्षता टीआरएल संकाय के समन्वयक डॉ हरि उराँव ने की। संचालन प्राध्यापक डॉ रीझू नायक व धन्यवाद प्राध्यापक डॉ बीरेन्द्र कुमार महतो ने किया। गौरतलब हो कि ये छात्र डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के एमएससी-आईटी, एमए राजनीति शास्त्र और आरडीकेएफ विश्वविद्यालय के एमबीए के छात्रों को पछाड़ कर 110 अंक अर्जित कर अव्वल रहें वहीं आईटी और एमबीए के छात्रों ने क्रमशः 65 और 10 अंक ही अर्जित कर सकें। संकाय के शिक्षकों ने सफल छात्राओं को प्रोत्साहित करते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।डॉ हरि उराँव ने कहा कि टीआरएल संकाय के छात्रों ने जो सफलता हासिल की है उसका श्रेय हमारे संकाय के कर्मठ शिक्षकों एवं अभिभावकों को जाता है, जिन्होंने छात्रों को उचित मार्गदर्शन देकर प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि टीआरएल संकाय के छात्राओं ने यह साबित कर दिया कि हम किसी भी क्षेत्र में किसी से कम नहीं। छात्राओं ने टीआरएल संकाय के साथ साथ पूरे रांची विश्वविद्यालय को गौरवान्वित किया है। बेटियां किसी बेटे से कम नहीं। वे लगातार अपनी प्रतिभाओं का लोहा मनवा रही हैं।नागपुरी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ सविता केशरी ने सफल छात्राओं को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि परिणाम की बगैर चिंता किए नियमित एवं योजनाबद्ध तरीके से अभ्यास करते रहना चाहिए। योजना बनाकर लक्ष्य प्राप्ति की दिशा में किया गया हर प्रयास हमेशा सफल होता है।डॉ उमेश नन्द तिवारी ने कहा कि प्रोत्साहन से बच्चों में ऊर्जा का संचार होता है। यही ऊर्जा बच्चों को सफलता की ओर अग्रसर करता है। ऐसे प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने के लिए इस तरह का आयोजन जरूरी है।मारवाड़ी कालेज के टीआरएल के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ महेश्वर सारंगी ने सफल छात्राओं को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि मेहनत कभी बेकार नहीं जाता। जरूरत है इसे बनाए रखने की।मौके पर एस एस मेमोरियल कालेज के डॉ संजय सारंगी, डॉ बन्दे खलखो, शकुन्तला बेसरा, रवि कुमार, नेहा भगत, प्रवीण कुमार सिंह, सुखराम उराँव, श्रीकांत गोप, युवराज साहु, नमिता पूनम, सीमा कुमारी, जगदीश उरांव, प्रियंका उराँव सहित संकाय के शिक्षकगण, शोधार्थी एवं छात्राएँ उपस्थित थे।