भारत का खुदरा महंगाई दर तीन महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई है. अगस्त महीने में यह 6.83 फीसदी रही थी. सितंबर तिमाही में ओवरऑल महंगाई के आंकड़ों की बात करें तो सितंबर में महंगाई दर 5.02 फीसदी रही, अगस्त में यह 6.83 फीसदी और जुलाई में 7.44 फीसदी थी. सितंबर महीने के लिए खुदरा महंगाई दर का आंकड़ा आ गया है. पिछले महीने खुदरा महंगाई दर 5.02 फीसदी रही. उससे पहले दो तिमाही यानी जून तिमाही और मार्च तिमाही के आंकड़ों पर नजर डालते हैं. जून में खुदरा महंगाई दर 4.87 फीसदी, मई में 4.31 फीसदी और अप्रैल में 4.70 फीसदी रही थी. उससे पहले मार्च में यह 5.66 फीसदी, फरवरी में 6.44 फीसदी और जनवरी में 6.52 फीसदी थी.
विनिर्माण और खनन क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन से देश में औद्योगिक उत्पादन अगस्त महीने में सालाना आधार पर 10.3 फीसदी बढ़ा. गुरुवार को जारी आधिकारिक आंकड़े में यह जानकारी दी गई. औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) के संदर्भ में मापा जाने वाला औद्योगिक उत्पादन पिछले साल अगस्त में 0.7 फीसदी घटा था. राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार विनिर्माण क्षेत्र के उत्पादन में अगस्त में 9.3 फीसदी की वृद्धि हुई.
आलोच्य महीने में खनन उत्पादन 12.3 फीसदी बढ़ा. वहीं बिजली उत्पादन में 15.3 फीसदी की वृद्धि हुई. आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-अगस्त के दौरान आईआईपी में सालाना आधार पर 6.1 फीसदी की वृद्धि हुई. एक साल पहले इसी अवधि में इसमें 7.7 फीसदी की वृद्धि हुई थी.
रिजर्व बैंक के संतोषजनक दायरे में आई महंगाई दर
खुदरा महंगाई दो महीने के अंतराल के बाद फिर से रिजर्व बैंक के संतोषजनक दायरे में आ गई है. खाद्य वस्तुओं के दाम गिरने से सितंबर महीने में खुदरा महंगाई घटकर तीन महीनों के निचले स्तर 5.02 फीसदी पर आ गई. राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (एनएसओ) की तरफ से गुरुवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, सितंबर में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई 5.02 फीसदी रही जबकि एक साल पहले सितंबर में यह 7.41 फीसदी थी. रिजर्व बैंक को महंगाई दो फीसदी घट-बढ़ के साथ चार फीसदी पर रखने का दायित्व मिला हुआ है. आंकड़ों के मुताबिक, सितंबर में खाद्य उत्पादों की कीमतें घटने से खाद्य महंगाई 6.56 फीसदी पर आ गई जबकि अगस्त में यह 9.94 फीसदी रही थी. आरबीआई द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में मुख्य रूप से खुदरा महंगाई पर गौर करता है.