रांची : जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा संकाय में आज पूर्ववर्ती छात्र सम्मेलन की सफलता पर संकाय के समन्वयक डॉ हरि उराँव एवं आयोजन समिति के सदस्यों को बधाईयाँ दी गई साथ टीआरएल संकाय के समन्वयक डॉ हरि उराँव की 65 वें जन्मदिन के मौके पर केक काटकर व बुके देकर सम्मनित किया गया। इस अवसर पर संकाय के शिक्षकों ने सामूहिक रूप से कहा कि टीआरएल संकाय के स्थापना के 43 वर्ष में पहली बार पूर्ववर्ती छात्रों का सफल सम्मेलन का आयोजन होना, अपने आप में एक इतिहास है। लगभग चार सौ पूर्ववर्ती छात्रों का एक साथ महाजुटान होना, तथा इस कार्यक्रम की मानिटरिंग करना काबिले तारीफ की बात है। शिक्षकों ने कहा कि समन्वयक डॉ हरि उराँव ने अपने बेहतरीन सूझबूझ व कोडिनेशन से यह साबित कर दिया कि इच्छाशक्ति हो तो कोई भी काम असंभव नहीं। उन्होंने कहा कि डॉ उराँव के जैसा शांत स्वभाव, जात पात व धर्म से उपर उठकर सबों एक साथ एक मंच पर लेकर चलने वाले शालिन व्यक्तित्व के धनी विद्वान शिक्षक हैं। जो हमेशा छात्र छात्राओं, शोधकर्ताओं एवं शिक्षकों को खुले दिल से मदद करते रहे हैं।
सभी ने भविष्य में ऐसे ही पूर्ववर्ती छात्र सम्मेलन आयोजित करने की बात कही। मौके पर समन्वयक डॉ हरि उराँव के 65 वर्ष पूरे करने पर केक काटा गया, साथ ही बुके व गिफ्ट देकर सम्मानित किया गया। सबों ने डॉ उराँव के दीर्घायु होने की कामना की।
इस अवसर पर संकाय के डॉ सबिता केशरी, डॉ खालिक अहमद, डॉ उमेश नन्द तिवारी, डॉ गीता कुमारी सिंह, डॉ मनय मुंडा, कुमारी शशि, बंधु भगत, डॉ मेरी एस सोरेंग, डॉ बीरेंद्र कुमार महतो, डॉ रीझू नायक, डॉ किशोर सुरीन, युवराज कुमार, बबलू कुमार, संदीप कुमार महतो, मानिक कुमार, श्याम सुंदर यादव, सुखराम उरांव, डॉ बंदे खलखो, श्रीकांत गोप, विजय आनंद, कुमार चाणक्य, फूलदेव उरांव, रवि कुमार, प्रवीण कुमार सिंह, जगदीश उरांव, शिला कुमारी, प्रियंका कुमारी, राजकुमार, प्रभा, बसंती, सहित संकाय के शिक्षकगण, शोधार्थी एवं छात्राएँ उपस्थित थे।